बी.एल.सूर्यवंशी रिपोर्टर



मध्यप्रदेश के धार जिले की बदनावर तहसील के अंतर्गत ग्राम काछीबड़ौदा व क्षेत्र के ग्राम कल्याणपुरा, धमाना, मुलथान, मियांखेड़ी, बेगंदा, जवासिया, छोटा कठोडिया, सिलोदिया, ढोलाना कलां, पंचकवासा, बामनसुता आदि ग्रामों के किसान अपने-अपने खेतों में बरसात का पानी सूखते ही गेहूं की फसलों की बोवनी में जुट गए हैं। ग्राम व क्षेत्र के किसानों ने बताया है कि पिछले दो-तीन वर्षों में कोरोना की मार झेलना पड़ी। इसके साथ-साथ वर्तमान में पीला मोजेक कीड़ा लगने से सोयाबीन की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। कई किसानों को खेतों में ख़र्च किया है उसकी लागत तक नही मिल पाई है। उधर ग्राम काछीबड़ौदा में ग्राम के पश्चिम दिशा से ग्राम रत्तागढ़खेड़ा जिला रतलाम से लगाकर ग्राम काछीबड़ौदा के मुस्लिम कब्रस्तान से होते हुए ग्राम सुंदराबाद जिला उज्जैन पूर्व दिशा तक कि किसानों की पूरी पट्टी पीला मोजेक कीड़ा लगने से सोयाबीन की फसल किसानों को नही मिल पाई है। जिसके कारण आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आगामी गेहूं की फसल से ही हम बेबस किसान बैंकों के ऋण व बाजार से लिया गया उधारी का कर्ज को अदा कर पाएंगे। उधर राजस्व विभाग के आला अधिकारी व कर्मचारी द्वारा सोयाबीन फसलों का मौका-मुआवना कर पंचनामा बना कर ले गए थे। किंतु शासन-प्रशासन की ओर से हम बेबस किसानों को मुआवजे के रूप में आज तक राशि का भुगतान नहीं किया गया है ग्रामीण व क्षेत्र के किसानों ने शासन-प्रशासन से उचित मुआवजा देने की मांग की है। जिससे हमे आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उससे निजात मिल सके।
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