किरण रांका रिपोर्टर



बच्चे इस देश की धरोहर है जिन्हे सवारने की हम सभी को जरुरत है यह हमारा प्रथम दायित्व भी है. विद्यार्थी जीवन में ही बच्चों को जैसा ढालेंगे वो बड़े होकर वैसे बनेंगे. विद्यार्थी जीवन से ही बच्चों की नीव मजबूत होती है. आज का दिन पूरे देश में हमारे देश के प्रथम प्रधानमन्त्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
इस आशय के विचार मॉर्डन पब्लिक स्कूल, जेडी किड्स स्कूल, ग्रीन फील्ड कॉलेज, ज्ञानदीप स्कूल में आयोजित बाल दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुवे नपाध्यक्ष श्रीमती हेमकुंवर मेवाड़ा ने व्यक्त किये. कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष गोपालसिंह इंजीनियर, नपाध्यक्ष हेमकुंवर मेवाड़ा, विधायक प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा, पूर्व पार्षद पंकज यादव, अशोक परमार, धर्मेंद्र गौतम, पार्षद तेजसिंह राठौर, युवा पत्रकार धनंजय जाट, ज्ञानसिंह ठाकुर, जितेंद्र बुदासा अतिथि के रूप में मौजूद थे. बाल दिवस का प्रारम्भ मा सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया. कार्यक्रम को जिला पंचायत अध्यक्ष गोपालसिंह इंजीनियर ने सम्बोधित करते हुवे कहा कि बाल दिवस का दिन सभी बच्चों के लिए बेहद ही खास दिन होता है। हम सभी को बच्चों के साथ मिलकर इस दिन को मनाने की कोशिश करनी चाहिए और अपने बचपन के दिनों को याद करना चाहिए। साथ ही बाल दिवस के मौके पर हमें बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के प्रति भी जागरूकता फैलानी चाहिए। बाल दिवस के दिन हमें अनाथ और दिव्यांग बच्चों की भी मदद करनी चाहिए। बाल दिवस के अवसर पर हम ऐसे बच्चों के साथ आकर उनका अकेलापन दूर कर सकते हैं और उनके चेहरे पर फिर से मुस्कान ला सकते हैं। वही विधायक प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने उपस्थित बच्चों से कहा कि बाल दिवस राष्ट्र के भविष्य के कर्णधारों में सद्गुणों के बीज बोने का दिन है। अच्छी शिक्षा, प्रेम, अच्छे व्यवहार के जल सिंचन से यह बीच अंकुरित होंगे, पुष्पित होंगे, और उनकी खुशबू से देश फलेगा फूलेगा। आज हम सब यहां भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की 131वीं जयंती और बाल दिवस को मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से काफी लगाव, प्यार और स्नेह रखते थे। वह बच्चों को एक राष्ट्र की असली ताकत और समाज की नींव मानते थे। यह वजह है कि उनके जन्मदिन 14 नवंबर को देश भर में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बच्चे भी नेहरु जी को प्यार से चाचा नेहरु कहकर पुकारते थे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थीगण, शिक्षक, शिक्षिकाये मौजूद थे.
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