ब्यूरो चीफ संतोष प्रजापति बैतूल
अब सिलाई मशीन के सहारे जीवन की गाड़ी चलाएगी रूपा
दिव्यांग रूपा के हौसले के आगे बौनी साबित हुई विकलांगता
डॉ पद्माकर दंपत्ति और भीमसेना के सहयोग से रूपा को भेंट की सिलाई मशीन
बैतूल। जिला अस्पताल के विकलांग शिविर में पहुंची एक 90 प्रतिशत दिव्यांग युवती के हौसलों के आगे उस वक्त उसकी विकलांगता बौनी साबित हुई जब उसने ट्राईसाईकिल के बदले जीवन की गाड़ी चलाने के लिए सिलाई मशीन की मांग की। शिविर में उसने कहा कि 90 प्रतिशत विकलांगता के चलते वह हाथ गाड़ी ट्राईसाईकिल तो नहीं चला पाएगी लेकिन सिलाई मशीन मिलने से जीवन की गाड़ी जरूर चला लेगी।
चिचोली ब्लाक के ग्राम रातामाटी में रहने वाली दिव्यांग युवती रूपा मालवी विगत दिनों जिला अस्पताल में आयोजित विकलांग शिविर में पहुंची थी, यहां ट्राई साइकिल के लिए दिव्यांगों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा था। इसी दौरान रूपा ने ट्राई साइकिल के बदले सिलाई मशीन दिए जाने की इच्छा जाहिर की थी। रूपा का कहना था कि वह ट्राईसाईकिल नहीं चला पाएगी लेकिन उसे अगर सिलाई मशीन मिल जाएगी तो वह जीवन की गाड़ी जरूर चला लेगी। रूपा के इस विचार से वहां मौजूद डॉ रूपेश पद्माकर व उनकी पत्नी द्वारा रूपा के आत्मनिर्भर बनने की हौसले को देखते हुए उसे सिलाई मशीन देने का निर्णय लिया गया। पद्माकर दंपत्ति ने भीम सेना के सहयोग से रूपा के घर पहुंचकर उसे सिलाई मशीन भेंट की। इस दौरान रूपा बेहद खुश नजर आई। रूपा ने भीम सेना और पद्माकर दंपत्ति का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर श्रीमती पद्माकर ने बताया कि रूपा दोनों पैरों से विकलांग है, वह सिर्फ दाएं हाथ से ही काम कर सकती है। बाया हाथ भी बिना सहारे के काम नहीं करता है। इतनी विकलांगता के बावजूद रूपा की आत्मनिर्भर सोच पूरे समाज के लिए एक सीख है। विकलांगता के आगे रूपा के हौसले बहुत बुलंद है। खुशी के मौके पर डॉ रूपेश पदमाकर, डॉ लिपि पदमाकर, देवेश्वरी मरकाम, अनिल कापसे( जिलाध्यक्ष अजाक्स), पंकज अतुलकर( प्रदेश प्रमुख भीमसेना) महफूज खान( जिला महासचिव भीमसेना) राहुल नागले( सदस्य) शशांक सोनकपुरिया और नितिन अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।
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