महेंद्र चौहान रिपोर्टर




कहावत तो आपने सुनी ही होगी राम भरोसे वैसा ही हाल कुछ ग्राम पंचायत पारा में भी देखने को मिल रहा है क्योंकि ग्राम पंचायत पारा में वर्तमान सरपंच महोदया और उनके परिवार के लोग करीब 25 सालों से सरपंच के रूप में बैठे हुए हैं लेकिन विडंबना यह है कि ग्राम पंचायत में ग्रामसभा तो पेसा एक्ट से संबंधित होनी थी ,लोगों ने उसे समस्या निवारण शिविर बना दिया जिसका कारण ग्राम पंचायत पारा के सरपंच डामोर बंधुओं द्वारा विकास के नाम पर कुछ भी कार्य नहीं कराया गया है। जिससे खफा जनता सरपंच महोदया को अनेकों समस्या गीनाने लग गए। लोगों ने आरोप भी लगाए हैं कि सरपंच द्वारा पैसे लेकर सरकारी जमीने निजी हाथों में सौंप दी है, जिसके कारण विवादित की स्थिति भी निर्मित हुई बचाव में सरपंच महोदय द्वारा कहा गया कि मैं अभी नई हूं इन सब चीजों के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। साथ ही एक ही परिवार के सदस्यों द्वारा करीब 25 सालों से ग्राम पंचायत पर राज किया जा रहा है। किंतु ग्राम पंचायत पारा में महिला शौचालय के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जब सरपंच और सचिव से पूछा गया तो उनके द्वारा कहा गया कि ग्राम पंचायत के पास जगह नहीं है ।वाह रे वाह ग्राम पंचायत पारा वैसे देखा जाए तो ग्राम पंचायत पारा में अपना राज अपना विकास चल रहा जिसे यहां की जनता सहते सहते परेशान हो चुकी है। पानी ,बिजली और सड़क की समस्या बढ़ती जा रही है किंतु इसे खत्म करने के लिए ग्राम पंचायत के पास पैसा नहीं है, जबकि लोगों का कहना है कि ग्राम पंचायत में पैसे की कोई कमी नहीं है। आखिर पर्दे के पीछे कौन किरदार निभा रहा है। जिससे सरपंच को बदनामी झेलना पड़ रही है ।और ग्राम पंचायत के विकास में रुकावट पैदा हो रही है ।खबर लगने के बाद आला अधिकारी इस ओर क्या संज्ञान लेते हैं देखते हैं इस समाचार की अगली कड़ी में।
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