दान धूप पाठ करने से जीवन के सारे संकट होते हैं दूर पंडित राजू पांडेय
स्टेट हैड एम.पी.अभिषेक शर्मा

खिलचीपुर। नगर के प्राचीन पंचमुखी हनुमान मंदिर एवं बाबा भोलेनाथ के मंदिर पर सोमवती अमावस्या को लेकर देर रात्रि में सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। जहां पर पंडित राजू पांडेय के अनुसार बताया गया कि प्रत्येक माह की अमावस्या पर बाबा पंचमुखी हनुमान मंदिर मैं नगर के सभी भक्तों द्वारा यहां पर सुंदरकांड पाठ का किया जाता है। वही सोमवार को आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का बेहद महत्व है. इस दिन व्रत, पूजन और पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व है. महिलाएं सोमवती अमावस्या के दिन पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. पितृ दोष निवारण के लिए दिन अत्यंत शुभ माना गया है।
तीर्थ स्नान और दान-पुण्य करने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। इस अमावस्या पर किए गए दान-पुण्य और तीर्थ स्नान से अक्षय पुण्य मिलता है, मन शांत होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं. इस तिथि पर अपने-अपने क्षेत्रों की पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए और क्षेत्र के पौराणिक महत्व वाले तीर्थों के मंदिरों के दर्शन करना चाहिए. पूजा-पाठ आदि शुभ काम करना चाहिए।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तांबे के लोटे में जल लेकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें. सूर्यदेव को चढ़ाएं. ऐसा करने से भी तीर्थ और नदी स्नान के बराबर पुण्य मिल सकता है.इस दिन जरूरतमंद लोगों को अनाज और गोशाला में धन, हरी घास का दान करें. अमावस्या पर पितरों के लिए धूप-ध्यान करें. घर में दोपहर करीब 12 बजे गाय के गोबर से बने कंडे जलाएं और उसके अंगारों पर गुड़-घी डालें. पितरों का ध्यान करें. शिव मंदिर में ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और धुप दीपक अगरबत्ती लगाएं।अमावस्या के रोज हनुमान मंदिर मैं दीपक जलाकर हनुमान चालीसा एवं सुंदरकांड का पाठ करें जीवन में आए सभी दुख संकट भगवान की कृपा से सब नष्ट होते हैं और भक्तों को पर कृपा बनी रहती है।
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