


दरअसल यह मामला इंदौर का है जहां पांचवीं- आठवीं बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन राज्य शिक्षा केंद्र ने प्रत्येक जिले में शुरू करवा दिया है। कापियां जांचने के लिए हर जिले में विकासखंड स्तर पर एक मूल्यांकन केंद्र बनाया जाना था, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए इंदौर जिले में पांच केंद्र हैं। भोपाल जिले की कापियों का मूल्यांकन यहां किया जा रहा है। महू विकासखंड की शासकीय हासे स्कूल रालामंडल, इंदौर ग्रामीण की उत्कृष्ट हासे विद्यालय महू में,शिक्षकों से अंग्रेजी बिषय की कापियां जांच करवाई जा रही है शिक्षकों से उनके विपरीत विषय की जांच करवाई जा रही है। देपालपुर की शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय सांवेर, भोपाल जिले की शारदा कन्या हायर सेकंडरी स्कूल में कापियां भेजी गई हैं। इंदौर शहरी क्षेत्र 1 व 2 की कापियां हायर सेकंडरी स्कूल निशातपुरा भोपाल में जांची जा रही हैं। मूल्यांकन कार्य में इंदौर जिले से करीब 1500 शिक्षक एवं अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। अधिकारियों के मुताबिक इंदौर जिले में 90 हजार बच्चों का मूल्यांकन हो रहा है। राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशानुसार मूल्यांकन केंद्रों को 30 अप्रैल तक कापियां जांचने का काम खत्म करना है। इधर, शिक्षकों ने मूल्यांकन कार्य के लिए मिलने वाले मानदेय को कम बताया है। उनके मुताबिक तीन रुपये प्रति कापी मानदेय दिया जा रहा है। कापियां जांचने के अलावा विद्यार्थियों की जानकारी अपने मोबाइल- टेबलेट से सभी 24 प्रशनो में प्राप्त अंकों को भरना है। प्रक्रिया में शिक्षकों को काफी समय लग रहा है। ऐसे में शिक्षक कापियां कम जांच पा रहे हैं। उनका कहना है 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन के लिए 12 और 13 रुपये प्रति कापी मिल रहे हैं। मानदेय बढ़ाने की जरूरत है।
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