शकील खान रिपोर्टर


मनावर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्थाई नर्सिंग स्टाफ द्वारा मुख्यमंत्री से 10 सूत्रीय मांगों को रखते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी गई है। जिससे मनावर स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं बाधित हो रही। इस अनिश्चितकालीन धरने पर नर्सों के द्वारा सेकंड ग्रेड का दर्जा देने, रात्रि कालीन भत्ता देने , ओल्ड पेंशन योजना लागू करने, पदोन्नति जो रुकी हुई है उसे निरंतर करने एवं वेतन विसंगतियों को दूर करने जैसे 10 मुद्दों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। इस दौरान मनावर अस्पताल की 15 नर्स है धरने पर बैठ गई हैं। जिसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं बिगड़ती दिखाई दे रही। नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन द्वारा पूर्व में कई वर्षो से ज्ञापन देकर प्रत्यक्ष चर्चा कर मांगो के निराकरण के संबंध में निरंतर शासन, विभागो से अनुरोध किया है कि प्रदेश के नर्सिंग संवर्ग की मांगों का निराकरण किया जाये। परन्तु मांगो का निराकरण आज तक नहीं किया गया है। जिससे प्रदेश के नर्सिंग संवर्ग में असंतोष व्याप्त हैं। आंदोलन की प्रमुख मांगे निम्नानुसार हैं – 1 अन्य प्रदेशो की भांति सेकेण्ड ग्रेड दिया जावे। 2 नर्सिंग संवर्ग के वेतन विसंगति को दूर किया जाये। 3 आकस्मिक चिकित्सा भत्ता स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों को रु. 500 रू प्रति रात्री दिया जाता हैं। 4 जबकि इनके साथ संलग्न नर्सेस व अन्य पेरामेडिकल कर्मचारीयों को भी 300 रुपये प्रति रात्री आकस्मिक चिकित्सा भत्ता दिया जावे। 5 रात्री कालीन प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वसाशी अधिकरी कर्मचारियों के वर्ष 2018 के भर्ती नियमों में संशोधन किया जावे। साथ ही भर्ती नियमो मे संसोधन करते समय एसोसिएशन के प्रतिनिधीयों का सुझाव लिया जावे। 6 ग्वालियर एवं रीवा मेडिकल कॉलेज में जी.एन.एम. नर्सिंग को तीन एवं बी.एस.सी. नर्सिंग को चार वेतन वृद्धि दी गयी हैं। जबकि अन्य मेडिकलकॉलेजों में नहीं दी गयी हैं। 7 विभाग द्वारा सौतेला व्यवहार किया गया हैं। ग्वालियर एवं रीवा मेडिकल कॉलेज की भांति अन्य शेष मेडिकलकॉलेज के नर्सिग ऑफिसर को तीन एवं चार वेतन वृद्धि दी जावे।नर्सिंग स्टूडेन्ट का स्टॉयफण्ड रु. 3000 रू से बढ़ाकर 8000 रू किया जावे। 8 नर्सिंग संवर्ग की पदोन्नति हेतु जब तक माननीय न्यायालय में निर्णय विचाराधीन है। ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा पदौन्नति पद पर प्रभार के तौर पर प्रभारी बनाया जावे। नर्सिंग ट्यूटर के पद सृजित किये जावे। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग अन्तर्गत संचालनालय स्तर पर सहायक संचालक का पद सृजित हैं। जो नर्सिंग संवर्ग का हैं, वर्तमान मेअन्य कैडर से कार्य कराया जा रहा हैं जो अनुचित हैं। 9 सहायक संचालक के पद पर नर्सिग संवर्ग से ही कार्य कराया जावे। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वसाशी अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारीयों को सातवे वेतनमान का लाभ जनवरी 2016 से दिया जावे। शासकीय सेवा में सीधी भर्ती में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों पर चयन होने पर तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि एवं 70 प्रतिशत् 80 प्रतिशत् 90 प्रतिशत् मानदेय नियम को निरस्त कर पूर्व की भांति यथावत रखा जावे। 10. पुरानी पेंशन (ओ.पी.एस.) पूर्व की भांति लागू की जाये
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