आष्टा /किरण रांका
ग्राम पदम श्री (भगवानपुर) में आयोजित श्री मद भागवत कथा में व्यास पीठ से महंत श्री दीपक दास शास्त्री ने संगीत मय प्रवचन की श्रंखला में आज अत्यंत ही सारगर्भित उदबोधन में कहा की प्रभु श्री राम प्रभु श्री कृष्ण ने अपने अपने समयकाल के अनुरूप जीवन जीते हुए वह कर्म किए जिनके कारण आज भी लाखो वर्षो बाद हम सबका उनका स्मरण करते हुए उनकी पूजा तो करते है परंतु उनके बताए रास्ते से भटक जाते है समस्या वही से जन्म लेती है । दोनो प्रभुओ ने अहंकार का नाश किया साथ ही प्रभु श्री राम ने वानरों से, प्रभु श्री कृष्ण ने ग्वालों गोपियों का सार्थक उपयोग कर युग परिवर्तन कर दिया। हम भी आज के इस कलयुग में अंहकार से दुर रह कर आम जन साधारण जन तथा उपेक्षित जन अंतिम छोर पर खड़े हुए व्यक्तियों से स्नेह कर अपना अपना जीवन धर्म मय जीने का प्रयास तो करे सफलता निश्चित मिलेगी । महंत जी ने भारी संख्या में उपस्थित नर नारियों से आग्रह किया की जो जो वैवाहिक बंधन में है वे अपने अपने जीवन साथी की परवाह करे एक दूसरे से स्नेह करे आप सबका पारिवारिक जीवन भी आदर्श बन जायेगा। व्यास पीठ पर आसीन महंत श्री दीपक दास जी का म प्र कांग्रेस कमेटी के महासचिव पूर्व नपाध्यक्ष आष्टा कैलाश परमार ने स्वागत दुपट्टे एवम पुष्प माला से स्वागत कर महंत जी का आशीष लिया। आयोजक पटेल केदार सिंह मेवाड़ा सरपंच सोनू मेवाड़ा ने आज के अतिथियों का तथा विशिष्ठ अतिथि पुर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार का स्वागत किया। आष्टा के पड़ोसी ग्राम पदम श्री के निवासियों का आभार मानते हुए परमार ने कहा की इस छोटे से ग्राम वासियों में प्रभु राम प्रभु कृष्ण के प्रति जो आस्था है वह उदाहरणीय है
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