महिला सशक्तिकरण
आजीविका मिशन बना सशक्तिकरण का माध्यम
ग्वालियर 06 जून 2025/ सही दिशा में की गई मेहनत कभी भी विफल नहीं होती है। अपने और अपने परिवार की उन्नति के लिये सही दिशा में प्रयास किए जाएं तो परिवार में खुशहाली अवश्य आती है। इसका जीता-जागता उदाहरण विकासखंड भितरवार के ग्राम गोहिंदा निवासी श्रीमती राधा सेन हैं। श्रीमती राधा ने अपने परिवार की खुशहाली के लिये राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से न केवल एक बार बल्कि तीन बार समूह ऋण के रूप में राशि प्राप्त की और पहले बकरी पालन, भैंस पालन और उसके बाद सैलून का काम कर अपने जीवन में खुशहाली लाई। श्रीमती राधा सेन महिला सशक्तिकरण का एक सशक्त उदाहरण भी बनी हुई हैं।
श्रीमती रेखा सेन बताती हैं कि मैं भूमि आजीविका स्व-सहायता समूह की सदस्य हूँ। मैंने समूह के माध्यम से पहले एक हजार रूपए बकरी पालन हेतु लिए, जिसको ब्याज सहित वापस कर पुन: 60 हजार रूपए भैंस पालन के लिये लिए। जिसके माध्यम से मुझे मासिक रूप से 6000 रूपए की आय हुई। इसके बाद अपने पति एवं परिवार के लिये सैलून की दुकान खोलने हेतु एक लाख रूपए की राशि ऋण पर प्राप्त की और गाँव में ही सैलून की दुकान का कार्य प्रारंभ किया। इस दुकान के माध्यम से परिवार को प्रतिमाह लगभग 6 हजार रूपए की आय प्राप्त होने लगी है। उक्त राशि से मेरे परिवार का जीवन-यापन हो रहा है। निरंतर और मेहनत से कार्य करने के कारण अधिक आय भी होने लगेगी। आजीविका मिशन के कारण मेरे जीवन में खुशहाली आई है। महिलाओं के स्वावलंबन के लिये आजीविका मिशन एक सार्थक कार्य कर रहा है।
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