बालकधाम में सिंधी समाज द्वारा श्रद्धा पूर्वक मनाया गया श्री गुरूनानक देवजी का प्रकाशोत्सव ।
कार्यक्रम के दौरान गगनभेंदी आतिशबाजी के मध्य काटा विशाल केक, भजनों पर जमकर झूमें श्रद्धालुजन।
खंडवा। सिंधी कालोनी स्थित प्रसिद्ध आस्था केंद्र बालकधाम गुरूद्वारा में श्री गुरूनानकदेव जी का 552 वां जयंती प्रकाशोत्सव स्वामी माधवदास उदासी जी के सानिध्य में शुक्रवार को सिंधी समाजजनों द्वारा बड़ी श्रद्धा एवं हर्षोल्लास से मनाया गया। वही शनिवार को गुरु के लंगर में सेकंडों श्रद्धालुओं ने भोजन प्रसादी प्राप्त की। यह जानकारी देते हुए बालकधाम प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि नों दिवसीय प्रकाशोत्सव के दौरान प्रति रात्रि 9 बजे से कटनी के राजेश उदासी, छोटा महेश म्यूजिकल पार्टी एवं श्री पीपलेश्वर झूलेलाल भजन मंडली के कलाकारों द्वारा संगीतमय गीतों, भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। वहीं गोपाष्टमी, भीष्म (भीखम) के अखंड दीपों का प्रज्ज्वलन देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का परंपरागत रूप से आयोजन एवं अंतिम दिन गुरू का लंगर आयोजित हुआ जिसमें दूर-दूर से पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भोजन प्रसादी प्राप्त की। परंपरानुसार शुक्रवार रात्रि 1:20 बजे संगीतमय गीतों भजनों, लोरियों एवं लाडों की सुमधुर संगीतमय प्रस्तुतियों एवं रंगबिरंगी गगनभेदी आतिशबाजी के मध्य श्री गुरुनानक देव जी का जन्मदिन डोली उतारने के पश्चात स्वामी माधवदास जी के कर कमलों से विशाल केक काटा जाकर जन्मोत्सव मनाया गया। आरती अरदास पश्चात प्रसादी का वितरण हुआ। वहीं प्रकाशोत्सव के समापन दिवस शनिवार 20 नवंबर को दोपहर 01 बजे ग्रंथ के सप्ताह पाठ साहिब पर भोग पश्चात गुरू के लंगर में नगर के विभिन्न क्षेत्रों की धर्म प्रेमी जनता के साथ श्री पूज्य सिंधी पंचायत अध्यक्ष गेहीराम सीतलानी, मोहन दीवान, राजू, संजय सबनानी, टीकमदास चावला, मनोहरलाल सबनानी, नारायण चावला, डॉ. दिलीप हिंदुजा, अजय गेलानी मनोहर संतवानी, विक्रम सहजवानी, नंदलाल गोस्वामी, अनिल सबनानी, अशोक हेमवानी, रोहित आरतवानी, हरू आसवानी, गोपाल, ईश्वर जेठवानी, द्वारकादास, साधु लखानी आदि सहित बड़ी संख्या में माता, बहनें एवं भाईयों द्वारा लंगर साहिब में भोजन प्रसादी प्राप्त की।
शेख़ आसिफ़ खंडवा
More Stories
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
भिंड जिले में पहली बार गीता सप्ताह ज्ञान यज्ञ का किया जाएगा भव्य आयोजन
नवसम्वत्सर अभिनन्दन समारोह टेकरी धाम पर पूर्व संध्या पर गीताब्रह्म-जागरण यात्रा