ॐ नमः शिवाय
#न्यायाधीश_गिरगांव_महादेव
ग्वालियर। जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित हैं गिरगांव। गिरगांव के #महादेव का मंदिर अपने आप में खास है। ये महादेव जज महादेव कहलाते हैं। बड़े से बड़े अपराधी #महादेव के सामने #झूठ बोलने से #कांपते हैं। गिरगांव के #महादेव को लोग इसी रूप में जानते हैं। सुनने में भले ही ये सच न लगे, मगर ये #सच है।
(गिरगांव का प्रसिद्ध प्राचीन महादेव मंदिर)
: इस 200 साल पुराने मंदिर में सपरिवार रहते हैं #महादेव
यहां मंदिर में बकायदा महादेव की कचहरी लगती है। पंच बैठते हैं। आरोपी और पीडि़त पक्ष अपना पक्ष रखते हैं। बहस-मुवाहिश के बाद स्वयं भगवान महादेव न्यायाधीश बनकर अपना फैसला सुनाते हैं। महादेव के फैसले के खिलाफ कोई कहीं अपील नहीं करता।
अब एक 1000 मामलों में फैसला सुना चुके हैं, #महादेव मंदिर की सेवा करने वाले बाबा कहते हैं कि महादेव के प्रति लोगों की आस्था इतनी है कि अपराधी किस्म के लोग मंदिर की सीढिय़ां चढऩे से भी डरते हैं। बताया गया है कि अब यहां एक हजार से अधिक मामलों का निपटारा हो चुका है। यही वजह है कि मंदिर में प्रदेश ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान, दिल्ली के दूरदराज के इलाकों के लोग यहां न्याय की आस में आते हैं।
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मंदिर के पंचायत पैनल के सदस्यों का कहना है कि करीब #एक_हजार_साल पुराने इस मंदिर का गुर्जर समाज में बहुत महत्व है। समाज के लोगों के बीच झगड़ा या विवाद हो जाता है और कोई भी एक पक्ष #मजिस्ट्रेट_महादेव की शरण में आ जाता है तो यहां पूरी कोर्ट लगती है।
अंतिम होता है महादेव का फैसला गिरगांव के महादेव की महिमा ऐसी है कि यहां जो भी आता है सच्चे मन से आता है। स्थानीय लोग कहते हैं कि महादेव के आगे झूठ बोलने की किसी की मजाल नही है। जिसने भी महादेव के समक्ष झूठ बोलने का प्रयास किया है, उसका हश्र बुरा हुआ है। ऐसे में महादेव के आगे कही गई बात को लोग सच मानते हैं और बड़े से बड़े मसले यहां महादेव के सामने चुटकियों में निपट जाते हैं।
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