पंडित नंदन शर्मा रिपोर्टर

मनुष्य अपने जीवन में धैर्य रखें भगवान श्री कृष्ण , अर्जुन को गीता के उपदेश सुनाते हुए कहते हैं मनुष्य को अपने कर्म निरंतर करते रहना चाहिए , साथ ही धैर्य और साहस रखना चाहिए तभी उन्हें जीवन और उन्नति प्रगति मिलती है। हमें निरंतर अपने कर्म करते रहना चाहिए उक्त बात यहां पैदल नर्मदा परिक्रमा पर आए आलोट तहसील के विक्रमगढ़ निवासी खेड़ापति हनुमान मंदिर के 102 वर्षीय संत कृष्णदासजी महाराज सन्यासी का पैदल नर्मदा परिक्रमा के दौरान सिंघाना आगमन हुआ ,जहां धर्म प्रेमी जनता ने उनका आत्मीय स्वागत किया। रात्रि विश्राम सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में किया जहां बड़ी संख्या में उनके दर्शन के लिए भक्तजन पहुंचे ,गुरु जी ने भक्तों को आशीर्वाद दिया ,भक्तों से आशीर्वचन करते हुए कहा कि हमें हमारे कर्म निरंतर करना चाहिए ।मां नर्मदा का आशीर्वाद उन्हें मिला, जो इस उम्र में वह अपने कर्म करते हुए नर्मदा मैया की पदयात्रा कर रहे हैं ।लोक कल्याण के लिए अपनी यात्रा पर निकले हैं। संत कृष्णदासजी महाराज ने यह परिक्रमा बड़वाह से प्रारंभ की है जो पुनः बड़वाह में ही इस यात्रा का समापन होगा इस पदयात्रा करते हुए उन्हें नौ माह हो गए हैं और चातुर्मास पूरी में मार्कंडेय आश्रम घोड़ा घाट किया गया। श्रीकृष्ण महाराज जी अपनी इस उम्र में भी पदयात्रा के दौरान अपना नृत्य प्रतिदिन उपयोगी होने वाला सामान स्वयं उठाकर चल रहे हैं यह बड़ी देखने वाली बात है वह भक्तों से आशीर्वचन करते हुए कहा कि धैर्य जीवन का महत्वपूर्ण गुण है जिसके जैसे भाव होंगे वैसे ही कर्म की ओर अग्रसर होगा। भगवान भी भाव के भूखे हैं समर्पण भाव से जीवन जीए क्योंकि श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि तू केवल कर्म करने का निमित्त बन मां नर्मदा पुण्य सलिला रेवा की परिक्रमा जरूर करनी चाहिए मां साक्षात हे।
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