लॉक डाऊन के दौरान स्कूल बंद रहने पर भी स्कूल प्रबंधन वसूल कर रहे ट्यूशन के नाम पर पूरी फीस
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निजी क्लास वाट्सएप मेसेज ग्रुप में फीस सम्बंधी मेसेज फीस जमा करने के भेज रहे सूचना ।
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न्ययालय के फीस सम्बंधी नए सर्कुलर को दिखाकर वसूल रहे मनमानी पूरी फीस ।
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लोक शिक्षा संचालनालय ने के निर्देश के अनुसार बच्चो को परीक्षा में नही बैठाने जुर्माना के साथ जेल भी हो सकती है
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परीक्षा सामने आ चुकी है चलो भरो पूरी फीस नही तो अगले सेशन में बैठने को नही मिलेगा …. खेल अब निर्देश पर होगा खत्म
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न्यूज़ 24×7 के लिए योगेश गुप्ता
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बैतूल / लॉक डाउन की स्थिति में बच्चो की फ़ीस को लेकर पालक परेशान हो रहे है इस स्थिति में एक निजी स्कूल बेतुल की ओर से स्कूल ग्रुप में ये सर्कुलर सेंड किया गया है जिसमे साफ तौर लिखा है कि शिक्षा शुल्क जमा नही कर रहे है । उन्हें अगली क्लास में बैठने नही दिया जाएगा । वहीं सीनियर टीचर अरूना पाटनकर ने बताया कि जीन बच्चो को परेशानी है वो एक आवेदन करके स्कूल प्रबंधन से फीस जमा करने के लिए समय ले सकते है और उस समय फीस जमा करना अनिवार्य होगा । परन्तु स्कूल लॉक डाउन की स्थिति में क्लास लगी ही नही तो पूरी फीस भी भरने पर सवाल उठ हो सकते है । लॉक डाउन की स्थिति में बड़ी हुई महंगाई के चलते परिवार का पालन पोषण करने में घर के मुखिया की कमर टुट चुकी है ।अब निजी स्कूल के प्रबंधन द्वारा पूरी फीस पालको से जमा कराना भी कितने प्रतिशत उचित होगा । इस संबध में लिटिल फ़्लावर स्कूल की प्रिंसपल सिस्टर जोजिना से फोन पर चर्चा करना चाहा तो उन्होंने यह कहकर बात करने से इंकार कर दिया की आप स्कूल आकर जानकारी लीजिये । दुबारा फ़ोन रिंग जाती रही और बस घंटी बजती रही… ख़ैर ये अलग बात है । सवाल ये है कि किसी भी कारण से स्कूल लगा जब लगा ही नही और छात्र बच्चे स्कूल गए ही नही तो दोनों ही स्थिति में 100 प्रतिशत फीस लिया जाना भी गलत होगा । इस मामले में जिला कलेक्टर साहब को भी मध्यम वर्गीय परिवार की आर्थिक स्थिति की बात हो या कायदे की दोनों ही स्थिति में सी बी एस सी हो अन्य सभी स्कूल प्रबंधन को एक पत्र जारी करने की आवश्यकता है जिसमे कम से कम 30 प्रतिशत फीस सभी वर्गो के माफ किया जाना चाहिए बल्कि जिन छात्राओं के परीजनो ने परीक्षा सामने आने के दबाव तथा स्कूल प्रबंधन के कहने पर पूरी फीस भरी हो उसे वापिस भी कराई जाने का उल्लेख हो । ताकि पालक भी सुविधा से समय पर फीस भर सके । और बच्चो को पढ़ाई के बीच फीस संबधी कोई मेसेज ना आये छात्र मानसिक तनाव से मुक्त रह सके । साथ ही स्कूल प्रबधन को भी निदेश जारी करे कि फीस के सम्बंध में पालको से ही चर्चा करे । फिहलाल स्कूल प्रबंधन फीस कम करने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया नही दे रहा है । वही पढ़ाई की बात करे कुल अधिकतम 2 से 4 सबजेक्ट ही पढाया जाता और इधर छात्र बच्चों के पालक फीस को लेकर चिंतित है । चर्चा ये भी है कि कूछ स्कूलो में फीस कम करके जमा कराऐ जाने की बात कही जा रही है । अगर ऐसा हुआ तो देखना ये है कि निजी स्कूल द्ववारा ली गई पूरी फीस में से कितनी प्रतिशत राशि अभिभावकों को वापस करते है । फिलाल मध्यप्रदेश लोक शिक्षा संचालनालय के जारी निर्देश जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 75 के अनुसार जारी किये गए निर्देश के आगे निजी स्कूलों के संचालको को अपना रवैया बदलना ही पडेगा ।
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