साथ ही मुमुक्ष आयुषी छाजेड़ का वर्षीदान वरघोड़े से निकाला गया।
महेंद्र चौहान रिपोर्टर




सुबह की वर निकासी जयंतीलाल छाजेड़ परिवार द्वारा निकाली गई ।सुबह का स्वामीवत्सल संघवी वालीबाई सागरमल छाजेड़ परिवार की ओर से किया गया। धर्म सभा को राजेंद्र जी कोठारी ने गुरु वंदन कराया। गच्छाधीपति की वाक्षेप पूजन का लाभ संघवी वालीबाई सागरमल जी छाजेड़ परिवार ने लिया। कांबली उड़ाने का लाभ धनराजमल जी वोहरा परिवार ने लिया। प्रभावना लाभ जयंतीलाल जी छाजेड़ ने लिया ।स्वागत भाषण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश जी छाजेड़ ने दिया। स्वागत गीत आयुषी काकरिया, विभाष पोखरना, मनोहर छाजेड़, निर्जा तलेसरा ने गाया। आयुषी छाजेड़ ने 18 जनवरी 2023 को अहमदाबाद में होने वाले आत्मोउद्धार में दीक्षा पर पधारने की विनती की । कार्यक्रम का संचालन श्री संघ अध्यक्ष प्रकाश तलेसरा जी ने किया। प्रवचन – गुरु जी द्वारा दिए गए प्रवचन में बताया गया कि हमें चिंतन करना है कि इस आधुनिकता की दौड़ में हमने क्या खोया और क्या पाया संसारी जीवन में न जाने कितने असंख्यात अग्निकाय के जीवो की घात होती है। और उस लाइट के इर्द-गिर्द अनेक त्रस कीड़े मकोड़ों की उत्पत्ति होती है। छह काय जीवो के रक्षक महापुरुष को इस तरह के पाप से बचना चाहिए। जीव हिंसा से मोक्ष तो दूर वेमानिक भी मिलना संभव नहीं है।
संयम में सभी प्रकार के स्वध्य योगों का प्रख्यान लिया था। दश वेकलिक के चौथे अध्याय में बताए अनुसार 6 जीवो की हिंसा का त्याग है। इस तरह गुरुजी ने जीव रक्षा के बारे में बतलाया।
झाबुआ ब्यूरो चीफ महेंद्र चौहान की रिपोर्ट
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