एस पाटीदार रिपोर्टर




संतश्री योगेश जी महाराज ने संध्या शिविर के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।
लोकेशन:—सुसारी।
विओ:-
अंबिका आश्रम बालीपुर धाम से पंच दिवसीय ग्रीष्मकालीन आवासीय संध्या शिविर ज्येष्ठ कृष्णपक्ष अमावस से ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की तृतीया तक सुसारी मे सम्पन्न हुआ। श्री श्री 1008 श्री गजानन जी महाराज श्री अंबिका आश्रम बालीपुर धाम के शिष्य संत श्री योगेश जी महाराज ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ समापन किया। ब्राह्मणों को संध्या पूजन के साथ भारतीय संस्कृति ,धर्म ,वैदिक पद्धति से परिचय कराया गया ।सोमवार को त्रिकाल पूजन के बारे में बताते हुए श्री योगेश जी महाराज ने बताया कि संधि के समय ईश्वर का स्मरण व ध्यान करना त्रिकाल संधि कहलाता है ।त्रिकाल संधि पूजन सृष्टि के उद्धार के लिए किया जाता है ।सूर्योदय के समय , दोपहर व संध्या काल के समय संध्या करना चाहिए ।ध्यान मुद्रा में बैठकर पूजा करना ही त्रिकाल पूजा है। ब्राह्मण को गुरु तत्व ,संध्या ,गायत्री पद मुद्रा, मंत्रों की संख्या ,विधि , नित्यकर्म व सदाचार का व्यक्तिगत तथा संपूर्ण जगत के लिए महत्व, संस्कृति, सनातन पद्धति से साधना, ब्राह्मणों के कर्तव्य और समाज की भूमिका के बारे में बताया। सभी विप्र जनों को गुलाब का फूल भेंट कर स्वागत किया गया। समापन पश्चात भंडारे का आयोजन हुआ ।सभी विप्र जनों ने प्रसादी ग्रहण की । सन्ध्यादि षट्कर्म युक्त जीवन शैली को प्रवृर्ति के विकास के लिए शिविर का आयोजन किया जा रहा है ।60 से अधिक ब्राह्मण शिविर में उपस्थित हुए आचार्य प्रदीप मंडलोई ने प्रशिक्षण दिया। । संध्या युक्त जीवन शैली विज्ञान पर आधारित है । सद्गुरु सेवा समिति के अध्यापक जगदीश पाटीदार ने बताया कि सनातन संस्कारों को अपनाने के लिए विभिन्न प्रकल्प आयोजित किए जा रहे हैं। आगामी 25 मई 2023 को बालीपुर धाम मे ब्राह्मण बटुको का यज्ञोपवित संस्कार होगा।
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