Chief Editor

Dharmendra Singh

Office address -: hanuman colony gole ka mandir gwalior (m.p.) Production office-:D304, 3rd floor sector 10 noida Delhi Mobile number-: 9806239561, 9425909162

August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
August 8, 2025

सच दिखाने की हिम्मत

 

भोपाल ।

देश में युवाओं की समस्या है कि सब एक ही चीज के पीछे भाग रहे होते हैं। यदि आईएएस का ट्रेंड चलता है तो पूरी युवाओं की फौज आईएएस बनने ही निकल पड़ती है। यहां सभी को इंट्रोस्पेक्शन की बहुत जरूरत है। स्वयं को तपाना की जरूरत है और इतना काबिल बनना चाहिए कि सूरज की तरह चमक सकें और जैसे सूरज से पूरी दुनिया फोटोसिंथेसिस के जरिए ऊर्जा पाती है वैसे ही आप भी लोगों की भलाई कर पाएं। पर आज की जनरेशन दूसरों के प्रभाव में आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है। मेरा मानना है चंद्रमा न बनकर सूर्य बनो। तभी दुनिया आपको सलाम करती है। यह उद्गार थे प्रसिद्ध शिक्षाविद् और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा के। वे शनिवार को रबीन्द्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी एवं स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी (एसजीएसयू) के तत्वावधान में आयोजित होने वाले विश्वरंग के अंतर्गत एसजीएसयू परिसर में युवा उत्सव के उद्घाटन सत्र में युवाओं से संवाद कर रहे थे। इस मौके पर कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों में आईसेक्ट समूह के चेयरमैन संतोष चौबे, स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की प्रो. चांसलर अदिति चतुर्वेदी वत्स, एसजीएसयू के वाइस चांसलर प्रो. अजय भूषण, कुलसचिव डॉ. सितेश कुमार सिन्हा एवं सभी पदाधिकारीगण और छात्र मौजूद रहे।

इस दौरान अपने वक्तव्य में अवध ओझा जी ने युवाओं को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि सभी को बड़े सपने देखना चाहिए। और जब बड़े सपने देखोगे तो संघर्ष भी आएगा। संघर्ष से कभी मत घबराइए क्योंकि संघर्ष आता ही उसके जीवन में है जो सपने देखता है। यदि आपको जीवन में आराम, शांति, सुकून और संघर्ष रहित जीवन चाहिए तो तुरंत अपने सपने को मार दीजिए। आज ही आपको शांति मिल जाएगी। कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पॉजीटिव थिंकिंग, मोबाइल से दूरी, एकाग्रता, अनुशासन, लक्ष्य का निर्धारण यदि युवा करेंगे तो वे जीवन में सफल होंगे ही।

अपने गमखाने को यादों से सजा रखा है…

इससे पहले कार्यक्रम में चारबैत की प्रस्तुति उर्दू अकादमी के महिला कलाकारों के ग्रुप द्वारा दी गई। इसमें ग्रुप ने तीन प्रस्तुतियां दी। पहली प्रस्तुति गालिब की गजल “ये न थी हमारी किस्मत कि विशाले यार होता…” की रही। इसके बाद दूसरी प्रस्तुति में “अपने गमखाने को यादों से सजा रखा है तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है…” से युवाओं को मंत्रमुग्ध किया। तीसरी एवं अंतिम प्रस्तुति में “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू ए कातिल में है…” से सभी का दिल जीता। समूह में मोहम्मद मुख्तार अमहद, मोलिशा सक्सेना, वैशाली थापा, बीहू आनंद, अंजलि भागवद, शालिनी बीना सिंह, आरती धुर्वे, रितेश खरे और राजकुमार कुशवाह शामिल रहे।

करियर की संभावनाओं पर विमर्श

कार्यक्रम की अगल कड़ी में रेडियो पॉडकास्टिंग और करियर विषय पर सत्र का आयोजन हुआ जिसमें आरजे पीहू, आरजे वेद और आरजे अर्श शामिल हुए। उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि आज ऑडियो इंडस्ट्री खड़ी हो रही है और पॉडकास्टिंग बड़े करियर के रूप में सामने आ रही है। ऐसे में यदि आपमें पैशन है तो आपके लिए संभावनाएं अपार हैं। आज भी स्थानीय स्तर पर रेडियो सबसे सशक्त माध्यम है संचार का। उनके साथ सत्र में अगला सत्र “मीडिया और चुनौतियां” पर रहा। इसमें वरिष्ठ पत्रकार रंजन कुमार श्रीवास्तव और शैफाली पांडे ने शिरकत करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। इसमें रंजन कुमार श्रीवास्वत ने कहा कि आज न्यूजपेपर पढ़ने की आदत कम हो रही है, वॉट्सएप पर खबरों का चलन बढ़ गया है, खबरों को बेचने के लिए सेंसेनलाइजेशन किया जा रहा है। ये आज बड़ी चुनौतियां बनकर उभर रही हैं और जिससे जर्नलिज्म सही रूप में लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है। वहीं शैफाली पांडे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाजार और टीआरपी के प्रभाव इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर बढ़ गया है। यही कारण है कि खबरों के बजाए अन्य गैरजरूरी बातें खबर बन रही हैं।

द रूट्स बैंड की धुन पर थिरके युवा…

युवा उत्सव का समापन द रूट्स बैंड द्वारा धमाकेदार म्यूजिकल परफॉर्मेंस से हुआ। इसमें उन्होंने शुरुआत गीत “ऐ री सखी मंगल गाओ री…” से की। इसके बाद उन्होंने “ए दिल है मुश्किल…” को पेश किया। गीतों की गुंजन और थिरकते युवाओं के बीच माहौल ऐसा बना कि स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी स्वयं को रोक न सके और उन्होंने अपने संगीत के टैलेंट को दिखाते हुए गीत “मितवा…” की प्रस्तुति दी। इसके बाद बैंड के द्वारा “तुम मिले दिल खिले…” और “पधारो म्हारे देश…” को भी पेश किया गया।

विश्वरंग 2023 की अगली कड़ी में 17 दिसंबर में स्कूली छात्रों की रचनात्मकता को मंच प्रदान करने टैगोर चिल्ड्रंस पेंटिंग कॉम्पीटिशन का आयोजन किया जाएगा जिसमें विभिन्न कैटेगरीज में 3 से 12 कक्षा के छात्र हिस्सा ले सकेंगे और अपनी चित्रकला के टैलेंट को दिखा सकेंगे। यह आयोजन स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी परिसर में रविवार को सुबर 11 बजे से 1 बजे तक होगा।